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दास्य भक्ति का अर्थ

[ daasey bhekti ]
दास्य भक्ति उदाहरण वाक्य

परिभाषा

संज्ञा
  1. भक्ति के नौ भेदों में से एक,जिसमें उपासक अपने उपास्य देवता को स्वामी और अपने आप को दास समझता है:"भक्त रैदास दास्य भाव से ईश्वर को पूजते थे"
    पर्याय: दास्य

उदाहरण वाक्य

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  1. हनुमान अर्थात दास्य भक्ति का आदर्श।
  2. दास्य भक्ति को प्रधानता दी गई।
  3. जिन्होंने उत्तर भारत में भगवान विष्णु की दास्य भक्ति पर बल दिया था , इनका
  4. रामावतार में दास्य भक्ति की बात है परंतु कृष्णावतार में सख्य भक्ति की बात है।
  5. जब भी दास्य भक्ति का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण देना होता है तो हनुमान की रामभक्ति का स्मरण होता है।
  6. जब भी दास्य भक्ति का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण देना होता है तो हनुमान की रामभक्ति का स्मरण होता है।
  7. जब भी दास्य भक्ति का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण देना होता है तो हनुमान की रामभक्ति का स्मरण होता है।
  8. 3 - 4 ” style = color : blue > * / balloon > इसी को सामान्यत : दास्य भक्ति कहा जाता है।
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  10. ' ' ( आनंद रामायण 13 / 16 ) हनुमान जी का स्वरूप : भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार श्री हनुमान जी दास्य भक्ति के मूर्तमान स्वरूप हैं।


के आस-पास के शब्द

  1. दासेयी
  2. दासेर
  3. दासेरक
  4. दास्तान
  5. दास्य
  6. दाह
  7. दाह संस्कार
  8. दाह-कर्म
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